‘‘अलग नहीं हुए होते, तो लड़ने के लिए कोई लकीर नहीं होती। पर आज देश की सरहदों को बाँटने व ‘‘अलग नहीं हुए होते, तो लड़ने के लिए कोई लकीर नहीं होती। पर आज देश की सरहदों को ब...
कि वो मेरे पिता थे।पिता का सुख नसीब न होने के बावज़ूद भी उन्होंने हमें इतनी खुशियाँ दी ज कि वो मेरे पिता थे।पिता का सुख नसीब न होने के बावज़ूद भी उन्होंने हमें इतनी खुशिय...
समय बीतता गया पर बड़े भाईसाहब हर्ष कुमार की कठोरता नहीं पिघली। समय बीतता गया पर बड़े भाईसाहब हर्ष कुमार की कठोरता नहीं पिघली।
अपना दर्द झेलने और उसे कहने का डाॅक्टर शायद मैं बन चुका था ! अपना दर्द झेलने और उसे कहने का डाॅक्टर शायद मैं बन चुका था !
वो छोटी सी बच्ची जिसे ये भीं नहीं पता था की उसकी माँ चली गयी है उसे छोड़कर हमेशा के लिये वो छोटी सी बच्ची जिसे ये भीं नहीं पता था की उसकी माँ चली गयी है उसे छोड़कर हमेशा ...
नम हुई आँखों में बीते हुए कुछ वर्ष घूम रहे थे । क्या मै इतना बुरा हूँ? क्या मैं कभी भरोसे के लायक ह... नम हुई आँखों में बीते हुए कुछ वर्ष घूम रहे थे । क्या मै इतना बुरा हूँ? क्या मैं...